समय नहीं बीता करता
मानदंड बदल गये हैं
तुम्हारे होने के बाद
समय निरपेक्ष था ही नहीं कभी
... खेला करता है नित खेल अक्सर
तुम्हारे पास होने पर घंटे क्षणों में बदल जाया करते हैं
और तुम्हारे बिना रातें बन जाती हैं अनंतता का पर्याय
पर इस अनंत यात्रा को पकड़ने की कोशिश
दे देती है जन्म अहंकार और मोह को
यकीन करो साथी
समय बस अलग अस्तित्वों को ही छू पाता है
प्रेम हमेशा से रहा है
कालातीत
- अभिषेक ठाकुर
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