बंधन तोडती
कुछ रेखाएं
सफ़ेद पन्नों पर
ताजे खुदे हर्फ़
एक और किताब
लिख दी है उसने
प्रेम पर
मैं पढ़ नही पाया
आखिर तक
वो पन्ना
कुछ रेखाएं
सफ़ेद पन्नों पर
ताजे खुदे हर्फ़
एक और किताब
लिख दी है उसने
प्रेम पर
मैं पढ़ नही पाया
आखिर तक
वो पन्ना
मिटते अक्षर
मौन होना चाहते हैं
-अभिषेक ठाकुर
मौन होना चाहते हैं
-अभिषेक ठाकुर
No comments:
Post a Comment