Wednesday 19 September 2012

बंधन तोडती
कुछ रेखाएं
सफ़ेद पन्नों पर
ताजे खुदे हर्फ़
एक और किताब
लिख दी है उसने
प्रेम पर
मैं पढ़ नही पाया
आखिर तक
वो पन्ना

मिटते अक्षर
मौन होना चाहते हैं
-अभिषेक ठाकुर

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