अँधेरे क़दमों और
हरी घास के दरमियाँ
बसे उसके सफ़ेद कमरे
को ढक रखा गया था,
एक लोहे की चादरों वाली खिड़की से
जिसमें से गुजरे कुछ रेत के टुकड़े
फर्श को सजा नही पाते थे
उसने पहली बार देखा
सबसे किनारे वाली दीवार पर चिपके
सूखे पन्ने के कुछ अक्षरों को
हरी घास के दरमियाँ
बसे उसके सफ़ेद कमरे
को ढक रखा गया था,
एक लोहे की चादरों वाली खिड़की से
जिसमें से गुजरे कुछ रेत के टुकड़े
फर्श को सजा नही पाते थे
उसने पहली बार देखा
सबसे किनारे वाली दीवार पर चिपके
सूखे पन्ने के कुछ अक्षरों को
हाथों से समेटी गयी रेत से
उसने ईश्वर नही लिखा
उसने लिखा
'लोहे की चादरों वाली खिड़कियाँ
घर नहीं बनातीं '
- अभिषेक ठाकुर
उसने ईश्वर नही लिखा
उसने लिखा
'लोहे की चादरों वाली खिड़कियाँ
घर नहीं बनातीं '
- अभिषेक ठाकुर
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