Friday 2 December 2011

मैं मर के पूछता हूँ अपने मौत की वजहें
बुजुर्ग कहते हैं तेरा सवाल अच्छा था
समझ का फेर है आंसू और हँसती आँखें
जमाना लाख कहे अदाकर अच्छा था
उम्र भर साथ चलने का भरम पाला तू ने
घडी दो घडी को ये ख्याल अच्छा था
रौशनी देने की चाह अँधेरा न बना दे तुझको
उनसे मिले बिना तो अपना भी हाल अच्छा था
- अभिषेक ठाकुर

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