यत्र नार्यस्तु जैसे झूठ के साथ
रोका गया था उन्हें शिक्षा पाने से
देवी के रूप में मानते हुए
इनकार कर दिया जाता है
उनके मोक्ष के लिए
सीता का आदर्श सिखाते वक़्त
कोई बात नहीं करता
अग्निपरीक्षा और घर से निकाले जाने की
तुम अब भी चाहते हो
मान लूं मैं
तुम्हारे आदर देते झूठे चेहरे को
- अभिषेक ठाकुर
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