Monday 8 October 2012

गेरुए रंग में
तुम्हारी मिलाई
थोड़ी
सी रेत
आकार नही दे पाती
कृष्ण और राधा को
पृष्ठभूमि में धुंधलाती है
पानी की तलाश में
मीलों चलती एक परछाईं
रेत का स्वाद अभी भी
खारा है
- अभिषेक ठाकुर

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